कविता मित्र की, पसंद मेरी
18 जुलाई/शुक्रवार/दस बजकर चालीस मिनट पर
गुफा
शुरू होता है यहां से
भय और अँधेरा
भय और अंधेरे को
भेदने की इच्छा भी
शुरू होती है यहीं से।
-कुमार अंबुज
Friday, July 18, 2008
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अंगूठा छाप
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10:46 AM
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kavita
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