Friday, November 7, 2008


जब हम यकीन करते हैं तो
जितना होता है, उससे ज्यादा ही कर लेते हैं...


है न दोस्तों??

Posted by Posted by अंगूठा छाप at 6:25 PM
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Thursday, November 6, 2008


'' चित्र कभी पूरा नहीं होता
बल्कि दिलचस्प जगहों पर ठहर जाता है..."


Posted by Posted by अंगूठा छाप at 9:35 PM
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अरसा हो गया था ब्लॉग से बिछडे हुए ...


दोस्तों ...जिंदगी की रफ़्तार कुछ बदल गई थी बीते दिनों ... काफ़ी कुछ रचा इस बीच ....


फितरत से फनकार हूँ ........

हाँ इस बीच किशोर कुमार फुल टाइम साथ रहे .......



अपना और आपका...

अंगूठाछाप

Posted by Posted by अंगूठा छाप at 12:38 AM
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