जब हम यकीन करते हैं तो
जितना होता है, उससे ज्यादा ही कर लेते हैं...
है न दोस्तों??
Friday, November 7, 2008
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अंगूठा छाप
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6:25 PM
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बात ज़रा सी...
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Thursday, November 6, 2008
'' चित्र कभी पूरा नहीं होता
बल्कि दिलचस्प जगहों पर ठहर जाता है..."
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अंगूठा छाप
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9:35 PM
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बात जरा सी...
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अरसा हो गया था ब्लॉग से बिछडे हुए ...
दोस्तों ...जिंदगी की रफ़्तार कुछ बदल गई थी बीते दिनों ... काफ़ी कुछ रचा इस बीच ....
फितरत से फनकार हूँ ........
हाँ इस बीच किशोर कुमार फुल टाइम साथ रहे .......
अपना और आपका...
अंगूठाछाप
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अंगूठा छाप
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12:38 AM
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पुनश्च
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Sunday, July 20, 2008
न ये चांद होगा...
20 जुलाई/शनिवार/रात आठ बजकर पचास मिनट

वैसे कहां होश रहता अपन को कि आज मशहूर गायिका गीतादत्त की पुण्यतिथि है। वो तो भला हो संजय पटेल (http://joglikhisanjaypatelki.blogspot.com/) और यूनुस खान ( http://radiovani.blogspot.com/ ) का कि ये दिन सुरीला कर दिया। सो आज कुछ नहीं किया, बस गीतादत्त के गमों को साझा करता रहा... दिन भर।
अंगूठा छाप
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अंगूठा छाप
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8:41 PM
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Friday, July 18, 2008
कविता मित्र की, पसंद मेरी
18 जुलाई/शुक्रवार/दस बजकर चालीस मिनट पर
गुफा
शुरू होता है यहां से
भय और अँधेरा
भय और अंधेरे को
भेदने की इच्छा भी
शुरू होती है यहीं से।
-कुमार अंबुज
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अंगूठा छाप
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10:46 AM
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Thursday, July 17, 2008
ऐसी आबादी और कहां...!
17जुलाई/गुरूवार, सुबह दस बजकर पचास मिनट
अरे ब्बाप रे! अपने यहां रेल में जैसी बमचकबाजी या हूलगदागद देखने को मिलती है वो तो कुछ भी नहीं है बंधु!!
तनिक ये वीडियो तो मुलाहिजा फरमाएं। मेड इन चाइना है । इस लिंक पर क्लिक करें - http://video.google.com/videoplay?docid=5031425949179516003&hl=en
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अंगूठा छाप
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10:45 AM
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shubhaanallah
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